औरत
एक औरत का जन्म कितनी बार होता है एक जन्म,उसे अपनो मां से मिलता है जिसकी आयु विवाह तक रहती फिर एक नया जन्म नया घर नये लोग नई दुनियां फिर एक जन्म लेती है जब वो जन्म देती है जितनी बार जन्म देती है उतनी बार जन्म लेती है लेकिन मरती कितनी बार है जन्म लेने से लेकर देह छोड़ देने के बीच अपनी अपेक्षाओं में मरती उपेक्षाओं पे मरती हर त्याग के बाद मरती हर समर्पण के पहले मरती एक औरत की मौत का हिसाब तो खुद रचयिता भी नही लगा सकते ।