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Showing posts from January, 2021

चरित्रहीन कोन ,,,,,??

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#औरत_कभी_चरित्रहीन_नही_होती औरत के चरित्रहीन होने से पहले पुरुष अपना चरित्र खोता है ! औरतों को नीचा दिखाने का सबसे सरल और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीक़ा है कि उसे वेश्या, कैरेक्टरलेस कह दिया जाये, या उसे अपने किसी गलत तरीके से उसकी तरफ इशारा किया जायें। ये बात और है कि हमारा समाज इस बात पर कभी ध्यान नहीं देता कि वो वेश्या अकेले कैसे बन जाएगी ? उसको वेश्या बनाने में किसी पुरुष का होना बेहद ज़रूरी है। जब एक स्त्री नंगी होती है, देह बेचने के लिए, तो पुरुष अपने कपड़े पहले ही उतार चुका होता है। वेश्या की ईमानदारी तो है कि वो एक जगह पर वेश्या है, लेकिन पुरुष का क्या जो अपने घर की दहलीज़ पर अपने तथाकथित चरित्र को त्याग कर किसी वेश्या के वक्षस्थल पर अपने हाथ फिराने आता है ? उस पुरुष को वेश्या कहने में संकोच कैसा ? तुम्हें अपने हिस्से का आनंद भी चाहिए, तुम्हें विवाह से बाहर किसी दूसरी स्त्री के साथ सेक्स भी चाहिए और चाहिए चरित्र भी। वाह ! और वहाँ से निकलते हुए, या उसी बिस्तर पर नग्नावस्था में, तुम उसे वेश्या कहकर गाली देने से भी नहीं हिचकते। जबकि वेश्या तो असल में तुम हो, वो तो अ

मानसिक विकृति

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#मानसिक_विकृतता 💜 1. अकेली रहती है! मतलब साथ (सेक्स) की जरूरत तो होगी ही, ट्राय तो मार मौज़ करने के लिए बेस्ट ऑप्शन है। 2. बाहर रहकर पढ़ी है मतलब घाट-घाट का पानी पी हुई है। पक्का कैरेक्टरलेस है। हाथ रखते ही तैयार हो जाएगी। ऐसों का क्या ? 3. दिल्ली में रहती है मतलब खुली होगी। मेट्रो सिटीज़ में रहने वाली लड़कियां तो बहुत खुली होती हैं, पता नहीं कितनों के साथ सो जाए। यहाँ खुली का मतलब सेक्स के लिए हमेशा आसानी से उपलब्ध रहने से है। 3. गाँव की है, सीधी होगी। मतलब इसको आसानी से बेवकूफ़ बनाकर यूज़ कर सकते हैं। 4. ब्रेकअप हो गया है! मतलब रोती लड़की को विश्वास देकर सेक्स की जुगाड़ की जा सकती है। 5. पहले बॉयफ्रेंड ने चीट किया है! ओह्ह बेबी मैं ऐसा नहीं हूँ। दुनिया से अलग हूँ। यार चीट हुई लड़कियों को यूज़ करना औऱ आसान है। सिली गर्ल्स...... 6. नीच जात की है! यार ये छोटी जातियां होती बहुत बेवकूफ़ हैं। मैं जाति को नहीं मानता, शादी करूँगा बस इतने में तो तन- मन-धन से समर्पित हो जायेंगी। 7. काली है! ओह्ह....यार रंग से कुछ नहीं होता काला रंग तो बहुत खूबसूरत होता है। यार उस क

ढाई अक्षर

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मुझे ठीक से याद नहीं है कि मैने कब पढा था *पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय *ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय* अब पता लगा ये ढाई अक्षर क्या है- ढाई अक्षर के ब्रह्मा और ढाई अक्षर की सृष्टि। ढाई अक्षर के विष्णु और ढाई अक्षर की लक्ष्मी। ढाई अक्षर के कृष्ण ढाई अक्षर की दुर्गा और ढाई अक्षर की शक्ति। ढाई अक्षर की श्रद्धा और ढाई अक्षर की भक्ति। ढाई अक्षर का त्याग और ढाई अक्षर का ध्यान। ढाई अक्षर की तुष्टि और ढाई अक्षर की इच्छा। ढाई अक्षर का धर्म और ढाई अक्षर का कर्म। ढाई अक्षर का भाग्य और ढाई अक्षर की व्यथा। ढाई अक्षर का ग्रन्थ, और ढाई अक्षर का सन्त। ढाई अक्षर का शब्द और ढाई अक्षर का अर्थ। ढाई अक्षर का सत्य और ढाई अक्षर की मिथ्या। ढाई अक्षर की श्रुति और ढाई अक्षर की ध्वनि। ढाई अक्षर की अग्नि और ढाई अक्षर का कुण्ड। ढाई अक्षर का मन्त्र और ढाई अक्षर का यन्त्र। ढाई अक्षर की श्वांस और ढाई अक्षर के प्राण। ढाई अक्षर का जन्म ढाई अक्षर की मृत्यु। ढाई अक्षर की अस्थि और ढाई अक्षर की अर्थी। ढाई अक्षर का प्यार और ढाई अक्षर का युद्ध। ढाई अक्षर का प्रेम और ढाई