प्रेम ही तो हैं ,,,
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जानते हो....
मैंने अक्सर देखा है तुम्हे
अपनी सिसकियों को
छुपाते हुए,
खामोशी से आंसुओ को
सुखाते हुये
अपनी उदासी को
अक्सर मौन मुस्कान से
बचाते हुए,
पर तुम भी ये जान लो,,
मैं सब देख लेती हूं,,,
पर कहती नही....
मैं कह दूँ....
तुम्हारे आंसूओ की साक्षी हूं
मेरे कहने से तुम
कही कमज़ोर न हो जाओ,
जानते हो
मैं कुछ कहे बिना ही
सब बांट लेना चाहती हूं,
तुम्हारे आंसू..,
तुम्हारी सिसक
खामोशी..,
मन मे घुलता वो एकांत...
मैं चाहती हूं ...
मेरे आँचल से लिपटकर,
तुम महसूस करो
केवल सुकून ,,,
थपकियों की दुलार तुम लो
और सौंप दो मुझे
अपनी सारी पीड़ाएँ,,
हे पिया...🌷
बेफिक्र रहो तुम,,
मैं हूं सदा तुम्हारे साथ,
जिंदगी बनकर,,
तेरा ही साया बनकर...
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